Description
बच्चे नाटक पसंद करते हैं. यदि उसके पात्र बच्चे हों तो उन्हें नाटक देखते हुए और भी आनंद आता है. नाटक के पात्रों के साथ वे अपना तालमेल बिठाने लगते हैं. इस नाटक का पात्र एक नौ-दस वर्ष का बालक अकील है, जो अपनी बूढ़ी मां के साथ कश्मीर के छोटे से गांव में रहता है. अकील बहादुर है.
एक उसके प्रताप चाचा हैं. वे बहादुर सैनिक हैं. कुछ दूसरे सैनिक भी हैं.
कहानी की पृष्ठभूमि कश्मीर पर कबीलाई हमला है. बालक अकील का साहस और भारतीय सैनिकों की बहादुरी, इस नाटक को भावप्रवण बना देते हैं.
उम्मीद है, आपको यह नाटक पसद आएगा. अकील सिर्फ एक नाम है. वह आपमें से कोई भी हो सकता है—वरुण, निकेत, ईशान, अविरल, रचना, छाया कोई भी…और हां आप भी.
अब आप नाटक का आनंद लीजिए. मैं चलता हूं….
जयहिंद.
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