Description
बीसवीं शताब्दी में जिन लोगों ने सामाजिक न्याय और भारतीय समाज के आधुनिकीकरण के लिए संघर्ष किया, उनमें ई ईवी रामासामी पेरियार सबसे प्रमुख हैं. प्रस्तुत पुस्तक ‘स्त्रियों को गुलाम क्यों बनाया गया’ में वे एक क्रांतिकारी विचारक के रूप में प्रस्तुत हैं. पुस्तक में जिस तरह से वे स्त्री पराधीनता के कारणों को चिन्हित करते हैं, वैसी दृष्टि सिवाय आंबेडकर के किसी के भी पास नहीं थी.
1934 में पहली बार तमिल में प्रकाशित पुस्तक को हिंदी में आते—आते 88 वर्ष लग गए. लेकिन पुरानी होने के बावजूद इस पुस्तक में अधिकांश बातें ऐसी हैं, जिनकी प्रासंगिकता जितनी तब थी, उतनी ही आज भी है.
दस्तावेजी पुस्तक को ‘पेनमेन बुक्स’ के नाम से लाते हुए हम गौरवान्वित हैं.
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