शीर्षक की सार्थकता : प्रो. अशोक शुक्ल के व्यंग्य और व्यंग्येत्तर रचनाएं

70.00

शीर्षक की सार्थकता : प्रो. अशोक शुक्ल के व्यंग्य और व्यंग्येत्तर रचनाएं.
मूल्य : 70 रुपये
लेखक : प्रो. अशोक शुक्ल
हास्य व्यंग्य

Description

‘शीर्षक की सार्थकता : प्रो. अशोक शुक्ल के व्यंग्य एवं व्यंग्येत्तर रचनाएं’ प्रो. अशोक शुक्ल समग्र पुस्तक माला का आखिरी खंड है. आखिरी होने का मतलब यह नहीं कि इसमें ​भराव की रचनाएं हैं. इस खंड में भी उनकी दर्जन से अधिक बेहतरीन व्यंग्य रचनाएं हैं, जिनके लिए वे जाने हैं. साथ इसमें आलोचना, विमर्श संबंधी आलेख और कुछ कविताएं भी शामिल हैं. कुल मिलाकर यह अंक पाठकों और शोधकर्मियों के लिए जरूरी पाठ जैसा है.

Additional information

Authors

PR. Ashok Shukl

Format

Digital

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