Description
‘शीर्षक की सार्थकता : प्रो. अशोक शुक्ल के व्यंग्य एवं व्यंग्येत्तर रचनाएं’ प्रो. अशोक शुक्ल समग्र पुस्तक माला का आखिरी खंड है. आखिरी होने का मतलब यह नहीं कि इसमें भराव की रचनाएं हैं. इस खंड में भी उनकी दर्जन से अधिक बेहतरीन व्यंग्य रचनाएं हैं, जिनके लिए वे जाने हैं. साथ इसमें आलोचना, विमर्श संबंधी आलेख और कुछ कविताएं भी शामिल हैं. कुल मिलाकर यह अंक पाठकों और शोधकर्मियों के लिए जरूरी पाठ जैसा है.
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