Description
ग़ज़ल को आमतौर पर ज़ज़्बात की विधा माना गया है. सफल ग़ज़लग़ो वही है जो कम शब्दों में भावनाओं के समंदर को उड़ेल सके. डॉ. राकेश तिलक राज की ग़ज़लें इस कसौटी पर खरी उतरती हैं. उनकी ग़ज़लों में जहाँ प्रेम और उसकी दीवानगी तथा बिछोह की पीड़ा है; वहीं इंसानियत का दर्द भी है. उम्मीद है कि पाठकों को हमारा यह प्रयास पसंद आएगा और वे इस संग्रह तथा ग़ज़लगो को अपने भरपूर प्यार से नवाज़ेंगे.
Reviews
There are no reviews yet.