Description
‘मोक्ष’ की लघुकथाएं सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ लिखी जा रही लघुकथाओं से एकदम हटकर है. शैली और प्रस्तुतिकरण की दृष्टि से और कथ्य की दृष्टि से भी. आलोक इस विधा के बंधे-बंधाए ढर्रे को जहां अवसर मिले, वहाँ तोड़ते भी हैं. जिस साहस के साथ आलोक लघुकथा में ‘विचार’ को ले आते हैं, वहाँ लीक-भंग की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक है। वे इसकी परवाह भी नहीं करते. कह सकते हैं कि मोक्ष’ की हर लघुकथा अपने आप में एक प्रयोग है। रचनाओं के माध्यम से लेखक ने जिस तरह से समाज के स्याह पक्षों को बेपर्दा किया गया है, साहित्य में ऐसे उदाहरण बहुत ही कम देखने को मिलते हैं.’
Reviews
There are no reviews yet.