Description
मैं ही बगुला मैं ही हंस – प्रो. अशोक शुक्ल – हास्य व्यंग्य
अपने शैलीगत प्रयोगों के कारण प्रो
. अशोक शुक्ल का नाम हिंदी के शीर्षस्थ व्यंग्यकारों में शुमा र हैं. प्रस्तुत पुस्तक में उनकी व्यंग्य रचनाएं शामिल हैं, जो कहीं हमें गुदगुदाती हैं तो कहीं तिलमिलाने पर मजबूर कर दे ती हैं.
हिंदी व्यंग्य को पसंद करने वालेपाठकों, व्यंग्यकारों और शोधकर्ता ओं के लिए जरूरी पुस्तक.
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