मैं ही बगुला मैं ही हंस – प्रो. अशोक शुक्ल

65.00

पुस्तक का नाम : मैं ही बगुला मैं ही हंस
मूल्य 65 रुपये
लेखक प्रो. अशोक शुक्ल
हास्य व्यंग्य श्रेणी

Description

मैं ही बगुला मैं ही हंस – प्रो. अशोक शुक्ल – हास्य व्यंग्य

अपने शैलीगत प्रयोगों के कारण प्रो. अशोक शुक्ल का नाम हिंदी के शीर्षस्थ व्यंग्यकारों में शुमार हैं. प्रस्तुत पुस्तक में उनकी व्यंग्य रचनाएं शामिल हैं, जो कहीं हमें गुदगुदाती हैं तो कहीं तिलमिलाने पर मजबूर कर देती हैं.
हिंदी व्यंग्य को पसंद करने वाले पाठकों, व्यंग्यकारों और शोधकर्ताओं के लिए जरूरी पुस्तक.

Additional information

Format

Digital

Authors

प्रो. अशोक शुक्ल, PR. Ashok Shukl

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “मैं ही बगुला मैं ही हंस – प्रो. अशोक शुक्ल”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like…