Description
अन्नाभाऊ साठे का उपन्यास ‘फकीरा’ : दलितों में वर्ग चेतना का स्वरघोष
प्रथम दलित सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर अन्नाभाऊ साठे द्वारा दिया गया बीजभाषण
क्रांतिकारी कवि, लेखक, नाटककार और समाजसुधारक : अन्नाभाऊ साठे
आगे बढ़ो! जोरदार प्रहार से दुनिया को बदल डालो। ऐसा मुझसे भीमराव कह कर गए हैं। हाथी जैसी ताकत होने के बावजूद गुलामी के दलदल में क्यों फंसे रहते हो। आलस त्याग, जिस्म को झटककर बाहर निकलो और टूट पड़ो।1
ᅳअन्नाभाऊ साठे
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