प्रोफेसर पुराण – प्रो. अशोक शुक्ल

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‘प्रोफेसर पुराण’ शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनाचार पर सवाल उठाता, प्रो. अशोक शुक्ल का क्लासिक व्यंग्य उपन्यास है.

Description

‘प्रोफेसर’ पुराण को पढ़ना अपने आप में विरल अनुभव है. इसका कारण उपन्यास की विषय-वस्तु नहीं है. शैक्षिक जगत में व्याप्त भ्रष्टाचार पर उससे पहले भी व्यंग्यकारों की नजर थी. जो चीज इसे खास बनाती है, वह है लेखक की शैली. नए और मौलिक उपमानों के माध्यम से कटाक्ष करने की कला. व्यंग्यकार ने उपमानों का प्रयोग जिस रचनात्मक कौशल के साथ  किया है, ‘रागदरबारी’ को छोड़कर, हिंदी व्यंग्य में दूसरा उदाहरण शायद ही हो.

Additional information

Authors

PR. Ashok Shukl

Format

Digital

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