Description
लघुकथा के आदि-विद्रोही जगदीश कश्यप की लघुकथाएं
लघुकथा
संपादक पंकज चतुर्वेदी
हिंदी लघुकथा को तराशने, उसे स्वतंत्र विधा के रूप में पहचान दिलाने में जिन साहित्यकारों ने संघर्ष किया, उनमें जगदीश कश्यप अग्रणी हैं. संख्या की दृष्टि से उन्होंने अपेक्षाकृत कम लघुकथाएं लिखीं, लेकिन जितनी लिखीं वे अपने आप में मानक हैं. वरिष्ठ लेखक पंकज चतुर्वेदी द्वारा संपादित इस संग्रह में उनकी न केवल बहुचर्चित और बहप्रशंसित रचनाओं को जगह मिली है, अपितु कुछ ऐसी लघुकथाएं भी शामिल हैं, जो उनके किसी संकलन में नहीं आ पाई हैं.
लघुकथा के पाठकों, प्रशंसकों, अध्येताओं और शोधछात्रों के लिए पेनमेन की अनूठी पेशकश.
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