Description
रवीन्द्र कान्त त्यागी का प्रस्तुत उपन्यास ‘चौमासा’ कई मायनों में विशिष्ट है. इसमें उन्होंने भारतीय किसान और गांव की समस्याओं को उठाया है.
कहावत है कि इतिहास में केवल पात्र सच होते हैं, बाकी सब झूठ. जबकि उपन्यास में पात्र काल्पनिक होते हैं, बाकि समाज का कटु सत्य—यह बात ‘चौमासा’ पर एकदम खरी उतरती है. उपन्यास की सबसे बड़ी खूबी है इसकी पठनीयता, जो रवीन्द्र कान्त त्यागी के कहानी-उपन्यासों की विशेषता है.
‘चौमासा’ को पाठकों के हाथों में सौंपते हुए हमें बेहद ख़ुशी है. उम्मीद है कि पाठकों को यह रचना अवश्य ही पसंद आएगी.
Reviews
There are no reviews yet.