Description
डॉ. अरविन्द कुमार शर्मा की कविताओं में परिवार है, समाज है. परिवार, समाज, दरकते रिश्तों और गिरते मूल्यों के प्रति चिंता है. जो लोग साहित्य को केवल कला की दृष्टि से देखते हैं, जिनके लिए कविता महज एक छंद-विधान है—उन्हें इस पुस्तक से शायद निराशा हो. लेकिन जो साहित्य को आंदोलन के नजरिये से देखते हैं, जिनके लिए कविता पीड़ित मानवता के दिल से निकली करुण पुकार है, वे इन कविताओं का भरपूर स्वागत करेंगे.
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