Description
डॉ. राकेश तिलक राज की ग़ज़लें युवा
धड़कनों के हर राग-विराग को पह चानती हैं. इससे भी बड़ी बात है ग़ज़लियात के माध् यम से आम आदमी की बात करना. प्यार के साथ-साथ जीवन के दूसरे सरोकारों को भी साधे रखना. अपनी संवेदना को आम जीवन के इतना करीब ले जाना, जहाँ से उसके जीवन की धड़कनें साफ-साफ सुनाई देने लगें. यह निर्मल हृदय और संवेदनशील कवि-मन के बगैर निश्चय ही असंभव है. हमें पूरा विश्वास है की इस पुस्तक और ग़ज़लकार को पाठकों का भरपूर प्यार और प्रोत्साहन प्राप्त होगा.
दि पेनमेन
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